जय श्री कृष्णा, आज का हमारा ये ब्लॉग भगवान श्री कृष्ण के भक्तो के लिए है। आज हम आपको Lord Krishna Quotes in Hindi मे बताएंगे। "सर्वभूतस्थमात्मानं सर्वभूतानि चात्मनि" अर्थात "हर जीव में आत्मा को और हर आत्मा में जीव को देखो" ऐसे ही 100+ Lord Krishna Quotes in Hindi निम्नलिखित हैं।
श्री कृष्ण के जीवन से सीखने के लिए बहुत कुछ है, उनके उपदेश के द्वारा न जाने कितने लोगो का जीवन सफल हुआ है। यह जीवन मुस्किलो से भरा हुआ है, हर किसी को अपने मुस्किलो का हल चाहिए, हमारे लेख में दिए गए 100+ Lord Krishna के उपदेशो में आपको हर मुश्किल का हल मिल जाएगा।
कृपा हमारा ब्लॉग Lord Krishna Quotes in Hindi को अंत तक पढ़े और अपना फीडबैक जरूर दें।
Lord Krishna Quotes in Hindi | भगवान श्री कृष्ण के उपदेश
सभी कर्मों को मेरे लिए समर्पित करो और किसी भी परिणाम की चिंता मत करो।
जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितनी मृत व्यक्ति के लिए जन्म। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।
जिस तरह मनुष्य पुराने कपड़े उतारकर नए कपड़े पहनता है, उसी तरह आत्मा पुराने शरीर को त्यागकर नया शरीर धारण करती है।
कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर।
मैं समय हूँ, जो सभी को नष्ट करने वाला हूँ।
जो शांति से रहता है और सुख-दुःख को समान रूप से देखता है, वही सच्चा योगी है।
अपनी आत्मा को जानो, यही ज्ञान है।
जो आत्म-ज्ञान से अवगत हो जाता है, वह इस संसार के बंधनों से मुक्त हो जाता है।
तुम मुझे भक्ति से प्राप्त कर सकते हो।
जो निरंतर प्रवाह में इच्छाओं द्वारा परेशान नहीं होता, वह समुद्र की तरह शांत रहता है।
जो स्थिर रहता है, वही शाश्वत शांति प्राप्त करता है।
मृत्यु के बाद भी आत्मा का अस्तित्व रहता है।
जो व्यक्ति अपने कार्य को भगवान को अर्पित करता है, वह बंधनों से मुक्त हो जाता है।
तुम्हारे द्वारा किया गया कोई भी कार्य व्यर्थ नहीं जाएगा।
अन्य लोगों की सेवा करके, तुम संतोष और तृप्ति पाओगे।
अपनी खुद की नियति को अधूरा जीना बेहतर है, बजाय किसी और की जीवन की पूर्णता नकल करने के।
मैं सबका स्वामी हूँ, मैं ही सबका आधार हूँ।
जो मुझे सच्चे मन से भजता है, मैं उसकी हर प्रकार से रक्षा करता हूँ।
जिसने मोह को त्याग दिया है, वह सच्चे ज्ञान को प्राप्त करता है।
जीवन और मृत्यु तो आत्मा के वस्त्र बदलने जैसे हैं।
जो मुझे सच्चे मन से याद करता है, मैं उसे कभी नहीं भूलता।
ज्ञान योग से सर्वोच्च शांति प्राप्त होती है।
मैं ही इस संसार का कर्ता हूँ।
हर आत्मा में मैं ही विद्यमान हूँ।
सत्य, अहिंसा और धर्म के मार्ग पर चलो।
योग का अभ्यास करने वाला कभी नष्ट नहीं होता।
भक्ति मार्ग से मुक्ति प्राप्त होती है।
स्वयं को जानो, यही परम धर्म है।
तुम्हारा सबसे बड़ा शत्रु तुम्हारा असंयमित मन है।
विवेक से ही सत्य का ज्ञान होता है।
भक्ति ही सबसे सरल और श्रेष्ठ मार्ग है।
भगवान को जानने का सबसे सरल मार्ग है प्रेम।
जो व्यक्ति अपने कार्यों का फल नहीं चाहता, वह सच्चा योगी है।
जो मुझे सच्चे मन से देखता है, मैं उसे हर जगह दिखता हूँ।
संसार अस्थायी है, केवल आत्मा शाश्वत है।
वह योगी महान है जो दूसरों के दुखों को अपना दुख समझता है।
जो शांति से अपने कर्तव्यों को पूरा करता है, वही सच्चा साधक है।
ज्ञान सबसे बड़ा प्रकाश है, अज्ञान सबसे बड़ा अंधकार।
मनुष्य का आत्म-ज्ञान ही उसे संसार के बंधनों से मुक्त करता है।
जो ज्ञानी है, वह मोह और माया से परे है।
सभी जीवात्माएं एक ही स्रोत से उत्पन्न होती हैं।
जो भक्ति में लीन रहता है, वह सबसे महान है।
अहंकार और ममता को त्यागो, यही मुक्ति का मार्ग है।
कर्म ही धर्म है, और धर्म ही कर्म है।
धैर्य और विश्वास से ही जीवन में सफलता मिलती है।
समर्पण ही सच्ची भक्ति है।
वास्तविक सुख आत्मा की शांति में है।
जो निंदा और स्तुति में सम रहता है, वही सच्चा योगी है।
योग का अर्थ है मन और आत्मा का मिलन।
वास्तविक स्वतंत्रता आत्मा की शांति में है।
प्रेम ही सबसे बड़ी शक्ति है।
स्वार्थ को त्यागकर ही सच्ची भक्ति प्राप्त होती है।
जो भगवान के नाम में विश्वास करता है, वह कभी असफल नहीं होता।
परिवर्तन ही इस संसार का नियम है।
मृत्यु एक सच्चाई है, लेकिन आत्मा अमर है।
सभी धर्मों का सार एक ही है – सत्य।
जो व्यक्ति अपने कार्यों में निहित रहकर भगवान की सेवा करता है, वही सच्चा भक्त है।
वह व्यक्ति महान है जो सभी को समान दृष्टि से देखता है।
जो कुछ भी होता है, उसमें एक गूढ़ रहस्य छिपा होता है।
जो व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है, वह कभी हारता नहीं है।
संसार माया है, आत्मा सत्य है।
दुनिया के सारे दुख आत्मा की अज्ञानता से उत्पन्न होते हैं।
परिवर्तन ब्रह्मा के नियम है। तुम एक क्षण में करोड़पति बन सकते हो या दरिद्र हो सकते हो।
जब धर्म की हानि होती है और अधर्म का प्रकोप बढ़ता है, तब मैं स्वयं प्रकट होता हूँ।
अपने निर्धारित कर्तव्यों को निभाओ, क्योंकि कर्म निष्क्रियता से बेहतर है।
जो मेरे प्रति अडिग श्रद्धा रखता है और संदेह से मुक्त है, मैं उसे अपना भक्त मानता हूँ।
संसार तीन गुणों से शासित होता है: सत्त्व (सद्गुण), रजस (वासना), और तमस (अज्ञान)।
जो निर्लिप्त है, वह दूसरों से सच्चा प्रेम कर सकता है, क्योंकि उसका प्रेम पवित्र और दिव्य होता है।
संगीत की तरह ध्यान भी एक अमूल्य साधना है।
जो अन्य लोगों के दोषों को देखता है, वह स्वयं के दोषों को छुपाता है।
सच्चे प्रेम और सेवा में कोई भी अपेक्षा नहीं होती।
सभी जीवों में ईश्वर का दर्शन करने से सच्चे प्रेम की प्राप्ति होती है।
तुम्हारे भीतर भगवान का अंश है, इसलिए खुद को कभी भी कमजोर मत समझो।
धर्म का पालन करने से, तुम अपने जीवन को सही दिशा में ले जा सकते हो।
जो बाहरी दुनिया की क्षणिक वस्तुओं में सुख खोजता है, वह कभी संतुष्ट नहीं होता।
जीवन की हर स्थिति को स्वीकार करो और उसमें संतुलन बनाए रखो।
संसार की समस्याओं से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, अपने आप को भगवान के प्रति समर्पित करना।
जीवन में हर चुनौती को अवसर के रूप में देखो।
जो अपने कर्मों के प्रति सजग रहता है, वह सच्चा ज्ञानी होता है।
प्रेम और भक्ति में कोई भी शर्त नहीं होती।
धर्म और कर्म का सही संयोजन ही जीवन को सार्थक बनाता है।
जीवन की समस्याओं को भगवान की परीक्षा समझो और धैर्य रखो।
शरीरधारी के लिए कर्मों को पूरी तरह से त्यागना संभव नहीं है।
मेरे पास आने के बाद पुनर्जन्म और दुःख के संसार को छोड़कर मोक्ष प्राप्त होता है।
अव्यक्त रूप में जीवित प्राणियों की उत्पत्ति होती है और व्यक्त रूप में उनका अंत होता है।
उठो, जागो और श्रेष्ठ उपलब्धियों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करो।
हे महाबाहो, जैसे तुम आत्मा के रूप में आत्मसंतुष्टि प्राप्त करते हो, वैसे ही कर्म करो।
नाशवान की कोई वास्तविकता नहीं होती, और सच्चे अस्तित्व की कोई समाप्ति नहीं होती।
मैं सभी के सामने प्रकट नहीं होता, मैं योगमाया से आवृत रहता हूँ।
आत्मा को प्रवचन, मेधा, या बहुत अधिक सुनने से प्राप्त नहीं किया जा सकता।
ज्ञान और विनय से युक्त ब्राह्मण, गाय, हाथी, और अन्य प्राणियों में एक समान दृष्टि रखता है।
हर जीव में आत्मा को और हर आत्मा में जीव को देखो।
ज्ञान के समान इस दुनिया में कोई भी पवित्रता नहीं है।
मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं, जो इसको जानता है, वह मुझसे मिल जाता है।
मुझे कोई भी वस्तु या व्यक्ति प्रिय नहीं है; परंतु जो भक्त मेरे प्रति अडिग श्रद्धा रखता है, वह मुझे प्रिय है।
जब तुम किसी कठिनाई का सामना कर रहे हो, तब समझो कि यह तुम्हारे आत्मा के विकास का अवसर है।
हर कर्म को बिना किसी लगाव के करना चाहिए; यही सच्चे योग का मार्ग है।
तुम्हारा कर्म तुम्हारे स्वयं की पहचान बनाता है; इसलिए कर्म को ईमानदारी और सत्य के साथ करो।
जो प्रेम और भक्ति से भगवान की उपासना करता है, वह सच्चा भक्त होता है और उसे अंततः पूर्ण शांति प्राप्त होती है।
जो ज्ञानी है, वह किसी से द्वेष नहीं करता।
हमारे ब्लॉग Lord Krishna Quotes in Hindi को अपना फीडबैक जरूर दें। जय श्री कृष्णा..
FAQs.
- जो ज्ञानी है, वह मोह और माया से परे है।
- सभी जीवात्माएं एक ही स्रोत से उत्पन्न होती हैं।
- जो भक्ति में लीन रहता है, वह सबसे महान है।
- अहंकार और ममता को त्यागो, यही मुक्ति का मार्ग है।
- कर्म ही धर्म है, और धर्म ही कर्म है।
- धैर्य और विश्वास से ही जीवन में सफलता मिलती है।
- योग का अर्थ है मन और आत्मा का मिलन।
- वास्तविक स्वतंत्रता आत्मा की शांति में है।
- प्रेम ही सबसे बड़ी शक्ति है।
- स्वार्थ को त्यागकर ही सच्ची भक्ति प्राप्त होती है।
- जो भगवान के नाम में विश्वास करता है, वह कभी असफल नहीं होता।
- परिवर्तन ही इस संसार का नियम है।
- जो व्यक्ति अपने कार्यों में निहित रहकर भगवान की सेवा करता है, वही सच्चा भक्त है।
- वह व्यक्ति महान है जो सभी को समान दृष्टि से देखता है।
- जो कुछ भी होता है, उसमें एक गूढ़ रहस्य छिपा होता है।
- जो व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है, वह कभी हारता नहीं है।
- संसार माया है, आत्मा सत्य है।
- दुनिया के सारे दुख आत्मा की अज्ञानता से उत्पन्न होते हैं।
- संगीत की तरह ध्यान भी एक अमूल्य साधना है।
- जो अन्य लोगों के दोषों को देखता है, वह स्वयं के दोषों को छुपाता है।
- सच्चे प्रेम और सेवा में कोई भी अपेक्षा नहीं होती।
- सभी जीवों में ईश्वर का दर्शन करने से सच्चे प्रेम की प्राप्ति होती है।
- तुम्हारे भीतर भगवान का अंश है, इसलिए खुद को कभी भी कमजोर मत समझो।
- धर्म का पालन करने से, तुम अपने जीवन को सही दिशा में ले जा सकते हो।
Jai Shri Krishna 🙏🙏
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